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‘तुम’

जिंदगी का फलसफा
जिंदगी का फलसफा
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नित्य गाउं मैं जिसे
वह गीत हो तुम
कल्पना पर सत्य की
एक जीत हो तुम
सर्वस्व अपना कर सकूं
जिसको समर्पित तुम वही
प्राणप्रिय मनमीत हो तुम.

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